आजकल कम उम्र में भी हार्टअटैक आने लगा है यदि गंभीरता से इसका अध्ययन करे तो पाएंगे कि इसके लिए तनाव काफी हद तक मुख्य वजह में से एक है। जहां पहले 45 से 65 वर्ष के लोगों में हार्टअटैक होना पाया जाता था वहीं आज के समय में देखेंगे कि यह उम्र घटकर 25 पहुंच गई है। 25 से 35 साल के युवाओं में भी हार्टअटैक होना बहुत ही सामान्य सी बात होती जा रही है।
जिसका मुख्य कारण है
अन्यंत व्यस्त जीवनशैली, अनियमित आहार, जंक फूड, अत्याधिक मसालेदार भोजन, कम उम्र में ही बढ़ता ब्लड प्रेशर, कम उम्र में बढ़ता वजन (मोटापा), अनिंद्रा (देररात तक जागना और सुबह देर तक सोना) , शारिरिक कार्य नहीं /(व्यायाम नहीं करना), धूम्रपान और अत्याधिक मादक पदार्थों का सेवन करना, पारिवारिक एवं व्यापार, व्यवसाय व नौकरी में टार्गेट का तनाव, नौकरी में वर्किंग शिफ्ट का तनाव इसके अलावा प्यार में धोखाखाना या तलाक हो जाना इत्यादि। इसके अलावा बढ़ता कोलेस्ट्राल, बढ़ती शुगर (डायबीट्स), हार्मोनल बदलाव इत्यादि भी हार्टअटैक के प्रमुख कारण हो सकते हैं।
लक्षण
सोते समय पूरी नींद ना होना, खराटे लेने, आक्सीजन की कमी, पेट के उपरी भाग में जलन व दर्द होना, लेफ्ट हैंड में दर्द होना, बैठे-बैठे पसीना आना या अचानक से सांसों का तेज होना, जल्दी ही किसी बात का तनाव लेना या अत्याधिक गुस्सा करना इत्यादि हार्टअटैक होने के लक्षण है।
बचाव
हरी (सभी काम का जल्दबाजी में करना), वरी (हर बात का टेंशन लेना) और करी ( मसालेदार भोजन) हार्टअटैक का प्रमुख कारण है इसलिए जीवन में व्यक्ति इन तीनों से बचना चाहिए।
सलाह
नियमित अंतराल पर लें डॉक्टर की सलाह, नियमित अंतराल पर ब्लड प्रेशर, ब्लडशुगर, कोलोस्ट्राल की जांच कराते रहे। नियमित योग, प्राणायम, ध्यान आदि करें। भरपूर नींद लें। हंसने की आदत डालें। जीवनशैली को नियमित करें। 24 घंटे में से 24 मिनट का व्यायाम और 24 मिनट की वॉकिंग आपको हार्टअटैक से बचा सकता है। गैस, एसीडीटी और दर्द की दवाईयां खुद से लंबे समय तक सेवन नहीं करें। हानिरहित होम्योपैथी चिकित्सा अपनाएं।
- डॉ. एके द्विवेदी
वरिष्ठ होम्योपैथी चिकित्सक, इंदौर
अध्यक्ष, आयुष मेडिकल वेलफेयर फाउंडेशन
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