होम्योपैथी में है चक्कर ना आने का इलाज

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होम्योपैथी में है चक्कर ना आने का इलाज

सिर घूमना, चक्कर आना या फिर आंखों के सामने हर चीज घूमती हुई दिखना, इस स्थिति को मेडिकल की भाषा में वर्टिगो कहते हैं। ज्यादा देर तक बैठे रहने के बाद जब अचानक उठते हैं तो कई लोग सिर घूमने जैसा अनुभव करते हैं। इसमें आंखों के आगे अंधेरा भी छा सकता है। चक्कर आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे कान में किसी प्रकार का संक्रमण, आंखों में किसी प्रकार की समस्या, सिर की चोट, खून की कमी, हृदय संबंधी कोई परेशानी इत्यादि। आइए जानते हैं चक्कर आने के लक्षण क्या है और इससे बचने के लिए होम्योपैथी में क्या उपाय है...

ये संकेत हो सकते हैं वर्टिगो के लक्षण
कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि चक्कर आना एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को सब कुछ घूमता हुआ नजर आता है, लेकिन यह लक्षण कई प्रकार की बीमारियों का संकेत भी हो सकता है। इसके अतिरिक्त अधिक उम्र के लोगों में भी चक्कर आने की समस्या देखी जा सकती है। हालांकि चक्कर आने के बारे में पता लगाना कई बार थोड़ा कठिन हो सकता है। इसका कोई एक कारण नहीं बताया जा सकता है, लेकिन कान के अंदर छोटी-छोटी हड्डियां होती हैं, जो मस्तिष्क तक संदेश भेजने का कार्य करती हैं, जिसे वेस्टीबुलर सिस्टम कहते हैं। यदि इस सिस्टम का संतुलन बिगड़ जाए तो ऐसे में चक्कर आ सकता है। इस समस्या में होम्योपैथिक इलाज बेहद कारगर है।

कोनियम मैकुलेटम दवा
यह दवा महिलाओं और अधिक उम्र के लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। यह कैंसर, लकवा या ग्रंथियों में सूजन की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए भी असरदार है। इन सभी परेशानियों में मरीज को सिर्फ सिर हिलाने से भी चक्कर आ सकता है। वर्टिगो के कारण आंखों और गर्दन को घुमाने में मुश्किल होती है? जिस कारण मरीज को सिर एकदम सीधा रखने की जरूरत होती है। ज्यादा झुकने लेटने या सोते समय करवट बदलने पर भी चक्कर आ सकते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक कोनियम मैकुलेटम शरीर की तंत्रिका तंत्र में सुधार के लिए भी अच्छी होती है।

एम्ब्रा ग्रीसिया है कारगर दवा
जो लोग जल्दी घबराते और बेहद संवेदनशील होते हैं, उनके लिए यह दवा काफी फायदेमंद है। कमजोर महिलाओं, बच्चों और बूढ़े लोगों के लिए भी यह दवा असरदार है। जिन लोगों को सिर में भारीपन, शरीर में कमजोरी या जिन्हें पेट संबंधी समस्या महसूस होती है, ऐसे लोग चक्कर आने पर यदि लेट जाएं तो इससे उन्हें आराम मिलता है। इस स्थिति में एम्ब्रा ग्रीसिया नामक दवा बेहद कारगर होती है। इन दवाओं का इस्तेमाल नियमित रूप से करने पर कमजोरी और चक्कर आने जैसी समस्याओं को ठीक किया जा सकता है।
कोकुलस इंडिकस का करें इस्तेमाल
जिन लोगों को सफर में उल्टी या चक्कर आते हैं या अत्यधिक शोर या कोई मानसिक तनाव होने पर सिर घूमता है या महिलाओं को माहवारी के दौरान चक्कर की समस्या होती है, उनके लिए कोकुलस इंडिकस दवा काफी फायदेमंद होती है। माहवारी के समय ब्लीडिंग ज्यादा होने के कारण भी चक्कर आने की समस्या हो सकती है। ऐसी स्थिति में भी कोकुलस इंडिकस होम्योपैथिक दवा का उपयोग किया जा सकता है। कुछ रिसर्च में यह पाया गया है कि होम्योपैथिक दवाओं में कोकुलस इंडिकस कानों के वेस्टीबुलर सिस्टम में संतुलन बनाए रखने का भी काम करती है और चक्कर आने जैसी परेशानी को दूर करती है।