महिलाओं के गर्भाशय को आम बोलचाल की भाषा में बच्चेदानी बोला जाता है। इसमें समस्या या इंफेक्शन होने पर महिलाओं को दर्द और अनियमित ब्लींडिग के अलावा गर्भावस्था संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी बच्चेदानी संबंधी समस्या से पीडि़त हैं, तो आज हम आपको इसके कारण, लक्षण और उपचार बता रहे हैं।
अगर आप कई बार कोशिश करने के बाद भी कंसीव करने में परेशानी महसूस कर रही हैं, इसके साथ पेट के निचले हिस्से और कमर में दर्द होना, पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग होना, शारिरीक कमजोरी भी फील करती हैं, तो ऐसे में आपको डॉक्टर की सलाह पर गर्भाशय संबंधी कुछ टेस्ट करवाना उपयोगी हो सकता है। ऐसे में आज हम आपको महिलाओं में बच्चेदानी की समस्या को पहचानने के लिए उसके कारण, लक्षण और उपचार बता रहे हैं। महिलाओं के शरीर में गर्भाशय वो जगह होती है, जहां धीरे-धीरे शिशु अपना आकार लेता है। ये 7.5 सेमी लंबा, 5 सेमी चौड़ा तथा इसकी मोटाई 2.5 सेमी की होती है। गर्भाशय का चौड़ा भाग ऊपर की तरफ होता है और फंडस कहलाता है जबकि पतला भाग नीचे की तरफ होता है इस्थमस कहा जाता है। ये जनंनाग मूत्राशय और मलाशय के बीच मौजूद होता है।
बच्चेदानी खराब होने के कारण
महिलाओं में बच्चेदानी खराब होने के लक्षण
पेट के निचले हिस्से में दर्द होना अगर आपे पेट या कमर के निचले हिस्से में दर्द की समस्या रहती है और पीरियड्स के दौरान वो बढ़ जाती है, तो ऐसे में आप गर्भाशय यानि बच्चेदानी संबंधी समस्या से पीडि़त हो सती हैं। क्योंकि जब भी बच्चेदानी की मासंपेशियों में खिंचाव आता है, तो उनमें असहनीय दर्द की अनुभूति होती है। पेल्विस में तेज दर्द और सूजन होना अगर आपे पेल्विस के पास के हिस्से में तेज दर्द और सूजन की समस्या होना, बच्चेदानी में गांठ होने के बारे में बताती है। बच्चेदानी में गांठ होने पर आपको कंसीव करने में समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
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