किडनी रोग के लक्षण और उसका इलाज
बहुत से मामलों में जब तक समस्या गंभीर नहीं हो जाती, तब लक्षणों का पता नहीं चल पाता है। सही इलाज के लिए उन लक्षणों की समय रहते पहचान जरूरी है। किडनी रोग में सामान्य लक्षणों में वजन कम होना और भूख कम लगना, टखनों, पैरों या हाथों में सूजन, थकान, आपके पेशाब में खून आना, पेशाब करने में परेशानी, मांसपेशियों में ऐंठन और त्वचा में खुजली होना आदि शामिल हैं। मेडिकल में किडनी रोग के लिए कई इलाज मौजूद हैं हालांकि आप अपने खाने-पीने में बदलाव करके भी इन लक्षणों से जल्दी राहत पा सकते हैं या किडनी रोग से बच सकते हैं।
प्याज - किडनी के मरीजों को सोडियम वाली चीजों के बजाय प्याज का सेवन करना चाहिए। ऐसे लोगों के लिए नमक का सेवन कम हानिकारक हो सकता है। यही वजह है कि आपके लिए नमक का विकल्प तलाशना जरूरी है। प्याज को लहसुन और जैतून के तेल के साथ खाने से ज्यादा फायदा मिलता है।
फूलगोभी - फूलगोभी विटामिन-सी, फोलेट और फाइबर का एक अच्छा स्रोत है। यह इंडोल, ग्लूकोसाइनोलेट्स और थियोसाइनेट्स से भी भरा हुआ है। यह ऐसे तत्व हैं, जो लीवर को विषाक्त पदार्थों को बेअसर करने में मदद करते हैं जो कोशिका झिल्ली और डीएनए को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
सेब - सेब में पोटैशियम, फॉस्फोरस और सोडियम की मात्रा कम होती है, इसलिए ये किडनी के मरीजों के लिए एक बढ़िया विकल्प है। किडनी से जुड़ी समस्याओं से राहत पाने के लिए आपको सेब का सेवन करना चाहिए।
लहसुन - लहसुन को आप नमक की जगह इस्तेमाल कर सकते हैं। यह खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाता बल्कि पौष्टिक लाभ भी प्रदान करता है। यह मैंगनीज, विटामिन-सी और विटामिन-बी6 का एक अच्छा स्रोत है और इसमें सल्फर यौगिक होते हैं जिनमें सूजन-रोधी गुण होते हैं।
लाल शिमला मिर्च - लाल शिमला मिर्च में पोटैशियम की मात्रा कम होती है जिस वजह से यह किडनी के मरीजों के लिए एबेहत्र फूड है। इसके अलावा इसमें विटामिन-सी और विटामिन-ए के साथ-साथ विटामिन-बी6, फोलिक एसिड और फाइबर जैसे तत्व भी पाए जाते हैं।
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