शोधकर्ताओं का दावा है कि विटामिन डी हर साल कऱीब तीस लाख लोगों को सर्दीजुकाम से बचा सकता है। सूर्य से मिलने वाला विटामिन स्वस्थ हड्डियों के लिए ही नहीं बल्कि शरीर के प्रतिरोधी तंत्र के लिए भी बहुत ज़रूरी है।
सर्दी-जुकाम-बुख़ार
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के नतीजों में कहा गया है कि खाना विटामिन से भरपूर होना चाहिए।
विटामिन डी की कमी के ख़तरे
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने कहा है कि अध्ययन में संक्रमण को लेकर दिए गए आंकड़े निर्णायक नही है। हालांकि पीएचई ने भी विटामिन डी की सिफारिश की है।
डिमेंशिया
इसमें शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र विटामिन डी का इस्तेमाल सूक्ष्मजीवीरोधी शक्ति बनाने के लिए करता है, जो बैक्टिरिया और विषाणुओं को नुकसान पहुंचाता है। सूर्य की रोशनी से विटामिन डी त्वचा में बनता है। सर्दियों के दिनों में बहुत से लोगों में इसकी कमी हो जाती है। संक्रमण रोकने के लिए विटामिन डी के पूरक देने के अध्ययन के मिले-जुले नतीजे सामने आए। इस अध्ययन में किसी निर्णायक नतीज़े पर पहुंचने के लिए शोधकर्ताओं ने 25 अलग-अलग अध्ययनों में शामिल 11321 लोगों से मिले आंकड़े का विश्लेषण किया। विश्वविद्यालय की टीम ने श्वसन प्रणाली में संक्रमण का अध्ययन किया। यह फ्लू से लेकर निमोनिया तक में शामिल होता है। इस अध्ययन में शामिल प्रोफ़ेसर 70 फ़ीसद लोगों को साल में कम से कम एक बार श्वसन तंत्र में तेज़ संक्रमण होता है। प्रतिदिन या हफ्ते में एक बार विटामिन डी सप्लिमेंट लेने का मतलब हुआ कि कऱीब साढ़े 32 लाख लोगों को साल में कम से कम एक बार श्वसन तंत्र में संक्रमण होगा।
पीएचई पहले से ही लोगों को स्वस्थ्य हड्डियों और मांसपेशियों के लिए जाड़े के मौसम में विटामिन डी लेने की सलाह दे रहा है। वह उन लगों को साल भर विटामिन डी लेने की सलाह देता है, जिन्हें बहुत कम धूप मिलती है। ऐसे लोगों में केयर होम में रहने वाले और ढंके रहने वाले लोग शामिल हैं। हालांकि इस अध्ययन के महत्व को लेकर बहस भी छिड़ गई है।
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