क्या आप जानते हैं पल्स रेट से होता है सेहत का खुलासा

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क्या आप जानते हैं पल्स रेट से होता है सेहत का खुलासा

हृदय गति को मापने का प्रमुख पैमाना है पल्स रेट। इसे केवल कलाई से ही नहीं, बल्कि शरीर के किसी भी हिस्से से महसूस किया जा सकता है। अगर पल्स रेट बहुत धीमी या तेज है तो इसका मतलब है कि सेहत के साथ कुछ गड़बड़ जरूर है।

अधिक स्ट्रेस, हाई रेट

जब आपको बड़ी आसानी से खुद ही अपनी हार्ट या पल्स रेट सुनाई दे तो इसका मतलब है कि आपका हृदय सामान्य से अधिक धडक़ रहा है। ऐसा आमतौर पर ज्यादा स्ट्रेस लेने से ही होता है। पर्याप्त नींद नहीं लेने के कारण भी ऐसा हो सकता है। वहीं 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के साथ भी ऐसा अक्सर होता रहता है।

मोटापा बढ़ाए पल्स रेट

अधिक वजन ब्लड प्रेशर बढऩे का सबसे बड़ा कारण है, क्योंकि फैटी डिपोजिट्स के कारण ही हृदय पर दबाव पड़ता है। ऐसे में हार्ट रेट तेज हो जाती है, जिससे सांस लेने में परेशानी होती है। ऐसे में ही हृदय रोगों का खतरा बढ़ता है।

खास बात

  • स्मोकिंग पल्स रेट को बढ़ाने या घटाने में काफी अहम मानी जाती है।

  • भोजन रते समय मनुष्य की पल्स रेट सामान्य से तेज हो जाती है।


स्मोकिंग से पल्स रेट ज्यादा

स्मोकिंग की लत हाई बीपी की आशंका भी बढ़ाती है। सिगरेट में मौजूद निकोटिन और तंबाकू हार्ट रेट बढ़ाने के लिए जिम्मेदार कारक है। ऐसे कई मामलों में ब्लड प्रेशर तो नॉर्मल होता है, लेकिन पल्स रेट हाई हो जाती है, जो घातक साबित होती है।

यह भी जानें

  • किसी स्वस्थ वयस्क की एक मिनट में 72 बीट्स होती है, लेकिन कई बार जेंडर, प्रोफेशन और लाइफ स्टाइल के मुताबिक यह कम-ज्यादा हो सकती है। उदाहरण के लिए यदि आप एथलेटिक हैं तो आपकी पल्स एक मिनट में 50 से 60 हो सकती है।
  • नवजात शिशुओं की बीट्स एक मिनट में 160 तक होती है। एक्टिव होने पर उनकी बीट्स 100 से 120 बीट्स तक पहुंच जाती है।

गर्भावस्था में सतर्क रहें
किसी भी गर्भवती की हार्ट रेट एक मिनट में 150 बीट्स तक हो जाती है। इस दौरान शरीर में रक्त की मात्रा बढऩे से हृदय को रक्त-संचारित करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। गर्भवती के लिए यह नॉर्मल है, लेकिन बीपी चेक करवाते रहना चाहिए।