नहीं परेशान करेंगे मुहांसे

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नहीं परेशान करेंगे मुहांसे

त्वचा स्वस्थ हो तो खूबसूरत भी लगती है और हर किसी को आकर्षित भी करती है। अगर उसे मुहांसों की नजर लग जाए तो उसकी रौनक चली जाती है। इस मौसम में यह समस्या और बढ़ जाती है। इससे बचने और अपनी त्वजा को स्वस्थ रखने के लिए क्या करें क्या नहीं आइए जानें....
चेहरा इंसान की पहचान होता है और सुंदर त्वचा चेहरे के सौंदर्य को कई गुना बढ़ा देती है। चमकीली और मुलायम त्वजा तो हर कोई चाहता है लेकिन अक्सर उम्र बढ़ने के साथ या खराब जीवनशैली के कारण यह अपना आकर्षण खो देती है। त्वचा की कई समस्याएं हैं, लेकिन मुहांसे सबसे ज्यादा परेशान करते हैं। यही नहीं, ठीक होने के बाद भी यह निशान पीछे छोड़ जाते हैं और त्वचा का आकर्षण कम कर देते हैं। ऐसे में त्वचा को विशेष देखभाल की जरूरत होती है।

क्यों होते हैं मुहांसे

मुहांसे त्वचा के सिबेशियस ग्लैंड के हार्मोंस के कारण होते हैं। सिबेशियस ग्रंथि एक तैलीय पदार्थ बनाती है, जिसे सबीम कहा जाता है, जो हेयर फलिकल की ओपनिंग के द्वारा त्वचा की सतह पर खुलता है। तेल और कोशिकाएं बैक्टीरिया को फलिकल की ओपनिंग में विकसित होने का मौका देती है। जब यह होता है तो रोमछिद्र बंद हो जाते हैं औप पिंपल विकसित होते हैं। कई लोगों में यह मुहांसे चेहरे के अलावा गर्दन, छाती, कमर और कंधों पर भी हो जाते हैं। मुहांसे वैसे कोई गंभी स्वास्थ्य समस्या नहीं है लेकिन गंभीर मुहांसों से चेहरे पर स्थायी रूप से दाग पड़ जाते हैं।

उन्हें ज्यादा परेशान करते हैं मुहांसे

इसका अभी तक कोई ठोस चिकित्सकीय प्रमाण नहीं मिला है कि कुछ लोगों को मुहांसे क्यों होते हैं और दूसरों को नहीं। मुहांसों का वास्तविक कारण भी पता नहीं है लेकिन एक महत्वपूर्ण कारण मेल सेक्स हार्मोन एंड्रोजन का अधिक मात्रा में स्त्राव है। यौवनावस्था शुरू होने के समय लड़कों और लड़कियों दोनों में इसका अधिक मात्रा में स्त्राव होता है। एंड्रोजन के कारण सबेशियस ग्लैंड का आकार बढ़ जाता है और वह अधिक मात्रा में सबीम का स्त्रा करता है। गर्भावस्था के समय हार्मोन परिवर्तन या गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन शुरू करने या बंद करने से भी इसकी मात्रा बढ़ जाती है। कई लोगों में यह समस्या अनुवांशिक भी होती है। कुछ दवाइयों के उपयोग तथा ज्यादा चिकनाई वाली क्रीम लगाने से फालिकल्स की कोशिकाएं आपस में चिपक जाती है और रोमछिद्रों को बंद कर देती है जिससे मुहांसों की समस्या बढ़ जाती है।

किस उम्र में अधिक परेशान करते हैं

किशोर अवस्था में यह समस्या बहुत अधिक होती है। इस उम्र में हार्मोंस के स्तर में बदलावों के कारण तेल ग्रंथियां अधिक मात्रा में आयल स्त्रावित करती हैं जो हमारे चेहरे के फॉलिकल्स में जाकर उन्हें ब्लॉक कर देता है। कई लोगों में विशेषकर महिलाओं में 40-50 साल की उम्र में मेनोपॉज की अवस्था शुरू होने से पहले या बाद में हार्मोन परिवर्तन के कारण भी मुहांसे निकल आते हैं।

क्या करें

  • दिन में कम से कम चेहरे को तीन बार सादे पानी से धोएं, लेकिन ध्यान रहे साबुन या फेसवॉश का इस्तेमाल दिन में एक बार ही करें क्योंकि इनके ज्यादा प्रयोग से त्वचा को नुकसान पहुंचता है और वह रूखी हो जाती है।
  • खूब पानी पिएं। इससे त्वचा के रोमछिद्र खुलेंगे और गंदगी साफ होगी।
  • पिपंल्स जितने अधिक समय तक रहेंगे, दाग उतने ही गहरे होंगे, इसलिए तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
  • अक्सर देखा जाता है कि जन लोगों में मुहांसों की समस्या होती है उनके शरीर में इंसुलिन का स्त्राव औसत से अधिक होता है। इससे बचने के लिए अपने भोजन में कार्बोहाइड्रेट और डेयरी उत्पादों का सेवन कम करें।
  • कुछ अनुसंधानों में यह बात सामने आई है कि अधिक मात्रा में दूध और दुग्ध उत्पादों का सेवन करने से भी मुहांसों की समस्या हो जाती है।


क्या न करें

  • चेहरे को जोर-जोर से न रगड़े।
  • मुहांसों को दबाएं या फोड़े नहीं।
  • ज्यादा तैलीय, मसालेदार भोजन न खाएं।
  • चेहरे की त्वचा को साफ रखें।
  • चेहरे पर आयल फ्री प्रोडक्ट लगाएं।
  • तनाव न लें, क्योंकि इससे हार्मोंस का संतुलन गड़बड़ा जाता है जो मुहांसों का कारण बन जाता है।
  • ब्लीच, फेशिय या स्टीम न लें। मेकअप का प्रयोग भी न करें, इससे मुहांसे जल्दी ठीक हो जाएंगे।

और आपके लिए जरूरी टिप्स

  • धूप में हमेशा सन्स्क्रीन लगाएं, यह न सिर्फ त्वचा की रक्षा करता है बल्कि स्किन कैंसर के खते को भी कम करता है। इससे पिग्मेंटेशन भी कम होता है और झुर्रियां भी जल्दी नहीं पड़ती है।
  • सबुह 10 बजे से शाम 4 बजे तक धूप में न निकलें।
  • धूम्रपान करने से त्वचा के इलास्टिन और कोलेजन नष्ट हो जाते हैं जिससे इसका मुलायमपन खत्म हो जाता है।
  • आटे की बजाए साबुत अनाज खाएं।
  • तनाव न लें, क्योंकि तनाव से त्वचा को नकुसान पहुंचता है और यह अति संवेदनशील हो जाती है।