पालक जब भी दवाखाने पर अपने बच्चों को लेकर आते हैं तो उनके चेहरे पर अत्यंत प्रसन्नता रहती है। वे बताते हैं कि मेरा बच्चा दूसरे डॉक्टर्स के पास जाने को मना करता है परंतु आप के पास आने के लिए सहजता से तैयार हो जाता है, बल्कि स्वयं कहता है दवाईयां खत्म हो गई है। मीठी होली वाले डॉक्टर साहब के पास चलना है।
बच्चे तन-मन से अत्यंत नाजूक होते हैं। कोई भी पीड़ा या कष्ट उन्हें अत्यंत परेशान कर देता है, चाहे वह इंजेक्शन का दर्द हो या जबरदस्ती दी जाने वाली कड़वी दवाईयां। जबरदस्ती करने से डॉक्टर या चिकित्सा के खिलाफ हो जाता है। होम्योपैथी में चूंकि मीठी दवाइयों का प्रयोग किया जाता है तथा बच्चे चॉकलेट के बाद सबसे ज्यादा इन मीठी गोलियों को पसंद करते हैं।
होम्योपैथी चिकित्सक और केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ. एके द्विवेदी बताते हैं कि होम्योपैथी द्वारा हम बच्चों में होने वाले रोग जैसे दस्त, कब्ज, दांत निकलने के समय होने वाली परेशानियां, रात्रि में बिस्तर गीला करना इत्यादि से सहजता के साथ छुटकारा दिला सकते हैं। बच्चों को यदि बार-बार सर्दी-जुकाम, निमोनिया या प्राइमरी कॉम्प्लेक्स होगा तो उनका शारीरिक और मानसिक विकास स्वस्थ बच्चों जैसा नहीं हो सकेगा। होम्योपैथी ऐसी चिकित्सा प्रणाली है, जिसके प्रयोग से बार-बार होने वाले सर्दी-जुकाम, निमोनिया एवं प्राइमरी कॉम्प्लेक्स से छुटकारा पाया जा सकता है तथा इन दवाओं के प्रयोग से रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाया जा सकता है। हमारे दवाखाने पर पूर्व में आए अनेक बच्चे जिन्हें होम्योपैथी दवाइयों का सेवन कुछ माह तक उनके पालकों ने कराया। वे स्वयं ही बताते हैं कि पछले कई वर्षओं से उन बच्चों को सर्दी-जुकाम होता ही नहीं है। कई बच्चों को अस्थमा में होम्योपैथिक दवाइयों का प्रयोग 2-3 वर्षों तक कराया जिससे इन्हेलर से छुटकारा एवं अस्थमा से भी पूरी तरह निजात मिल गई है। छोटे बच्चों को भी पथरी बन जाती है, जिन्हें कुछ माह तक होम्योपैथी दवाइयां देने से पथरी निकल भी जाती है तथा बार-बार पथरी का बनना भी बंद हो जाता है। बच्चों के स्वभाग के लिए होम्योपैथी से बेहतर कुछ हो ही नहीं सकता है, ऐसे बच्चे जो दिनभर रोते रहते हैं या चिड़चिड़ करते हैं, बात-बात पर गुस्सा करते हैं एवं पालकों की बात नहीं मानते हैं उन्हें होम्योपैथिक दवाइयों की कुछ खुराक से ही पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। होम्योपैथिक दवाइयों द्वारा याददाशत एवं एकाग्रता को भी बढ़ाया जा सकता है।
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