रजोनिवृत्ति की अवस्था का मतलब एक समाज में कुछ हो सकता है और दुसरे में कुछ और। यह समाज की राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संरचना पर और साथ ही इस बात पर निर्भर करता है कि वह सभी आयु-वर्ग की महिलाओं को अपनी स्वास्थ्य देख-रेख की सुविधा सुलभ कराने के साथ साथ क्या जीवन स्थितियां उपलब्ध कराता है।
परिवेश या वातावरण सभी महिलाओं के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विकासशील देशों में जब महिलाएँ रजोनिवृत्ति की अवस्था में पहूँचती हैं तो उनका स्वास्थ्य अपनी परिवेशगत स्थितियों के कारण पहले ही गिर चुका होता है। सार्वजनिक स्वास्थ्य की निम्न स्थिति की वजह से संक्रामक रोगों का होना सामान्य है। भारत और अन्य विकासशील देशों में, औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं के स्वास्थ्य प्रदूषण, रासायनिक विषाणुयुक्त पदार्थों और जोखिम भरी कार्यस्थितियों के कारण प्रभावित होता है।
भारत में बहुत महिलाएं अपर्याप्त भोजन के कारण पोषण संबंधी रक्ताल्पता यानी खून की कमी (एनीमिया) की शिकार हो जाती है और उनका स्वास्थ्य लगातार कुपोषण की वजह से बिगड़ जाता है।
जीवन के मध्यकाल में महिला का स्वास्थ्य केवल इसी बात से प्रभावित नहीं होता हैं कि उसने कितने बच्चे पैदा किए हैं, बल्कि इस बात से भी निर्धारित होता है कि उसने कितने गर्भधारण किए, अंतिम गर्भधारण के समय उसकी उम्र क्या थी, उसके कितने असुरक्षित गर्भपात हुए और उसे गर्भनिरोध की सुविधा कहाँ तक सुलभ हो पाई। अगर असरकारक ढंग से गर्भ- निरोधन किया जाए तो प्रजनन संबंधी कठिनाइयों को दूर किया जा सकता है।
भारत में महिलाओं और पुरूषों, दोनों को स्वास्थ्य सेवा सीमित मात्रा में ही उपलब्ध हो पाती है। रजोनिवृत्ति जैसी कम ज्ञात स्थितियों से निबटने के लिए जो थोड़े से साधन उपलब्ध भी हैं तो उनका उपयोग कम ही हो पाता है।
हमारे देश में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर महिलाएं चुपचाप कष्ट झेलती रहती हैं और अपनी समस्याओं को लेकर खुल कर सामने आने में झिझकते हैं।
जीवन के मध्यकाल में रजोनिवृत्ति महिलाओं को अनेक सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे कि बड़े बच्चों की लिए समय निकलना; घर में बुजुर्गों की देखभाल; सेवानिवृत्त पति की देखरेख (उनमें से कुछ तो घर के दैनिक कार्यों में मदद करते हैं, पर कुछ सचमुच बहुत अपेक्षा करते हैं) या स्वयं कामकाजी महिला की सेवानिवृत्ति। जीवन के इस परिवर्तनकारी दौर में संयुक्त परिवार में रहना कभी-कभी बहुत तनावपूर्ण हो सकता है क्योंकी आस-पास के लोग महिला की समस्या को नहीं समझ पाते ।
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