देशभर में कोरोना संक्रमण से काफी हद तक राहत के बावजूद रोकथाम के प्रयास जारी है। बुजुर्गों, स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को इसका सतर्कता डोज ( तीसरा डोज) लगाया जा रहा है। इसी बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) सहित पांच अस्पतालों में कोरोना के नेजल टीके (नाक के जरिये टीका देना) की बूस्टर डोज का ट्रायल शुरू हुआ है। शुक्रवार को एम्स में तीन लोगों को बूस्टर डोज दी गई। डॉक्टर कहते हैं कि यह टीका कम्युनिटी में कोरोना का संक्रमण रोकने में ज्यादा असरदार हो सकता है। भारत बायोटेक द्वारा विकसित इस टीके का पहले कुछ अस्पतालों में फेज दो का ट्रायल हो चुका है।
कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी बरकार
देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी बरकार है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुरुवार सुबह 8 बजे अपडेट किए गए आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में 4,194 नए मामले मिले हैं और 255 लोगों की जान गई है जिनमें 227 मौत अकेले केरल से हैं। वहीं सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 42,219 रह गई है। यह दर कुल मामलों का 0.01 फीसदी है। दैनिक संक्रमण दर 0.52 फीसदी व साप्ताहिक संक्रमण दर भी 0.55 फीसदी ही रही गई है। और मरीजों के स्वास्थ होने की दर भी बढ़कर 98.70 प्रतिशत हो गई है और मृत्यदर 1.20 प्रतिशत पर बनी हुई है।
केंद्र ने कहा- कोरोना से मौतों पर लैंसेट की रिपोर्ट भ्रामक व गलत
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना की वजह से देश में हुई मौतों को लेकर अंतरराष्ट्रीय पत्रिका लैंसेट की रिपोर्ट को भ्रामक व गलत बताया है। रिपोर्ट में का गया है कि जनवरी 2020 से दिसंबर 2021 के दौरान भारत में कोरोना के चलते वास्तव में सरकारी आंकड़ों से आठ गुना ज्यादा मौतें हुई है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक उपरोक्त अवधि के दौरान देश में कोरोना की वजह से 4.89 लाख मौतें हुई जबकि लैंसेट ने यह आंकड़ा लगभग 40.70 लाख बताया है। मंत्रालय ने कहा है कि रिपोर्ट में गणितीय माडल के आधार पर कई देशों के लिए विभन्न कारणों से हुई मौतों को लेकर अनुमान लगाया गया है।
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