इंदौर। होलिका दहन 17 मार्च को किया जाएगा। मध्य रात बाद और चैत्र कृष्ण प्रतिपदा शनिवार को हस्त नक्षत्र व वृद्धि योग में 19 मार्च को होली मनाई जाएगी। इंदौर शहर के प्रमुख केंद्र राजवाड़ा चौक पर भी सरकारी होली परंपरा अनुसार जलाई जाएगी। खासगी ट्रस्ट मार्तंड देवस्थान के पुजारी पं. लीलाधर वारकर के अनुसार होलकार राज की परंपरानुसार सरकारी होलिका दहन 17 मार्च को शाम 7 बजे किया जाएगा। इस बार पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से 1100 कंडों से होलिका दहन करेंगे। इसके साथ ही दहन में 25 से 30 घास की पिंडी और 250 ग्राम कपूर लगता है। यहां कंडों से होलिका दहन की परंपरा 6 साल पूर्व शुरू की गई थी। इससे पूर्व तक 250 किलोग्राम लकड़ी से होलिका दहन किया जाता था। वहीं होलिका दहन के बाद शुक्रवार को शहर में लोग रंग-गुलाल खेलते नजर आएंगे। इसलिए लोगों को प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल कर ही होली का त्योहार मनाना चाहिए। ताकि उन्हें स्वास्थ संबंधी कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े।
और 2 साल बाद इस बार रंगपंचमी पर निकलेगी गेर
इंदौर में रंगपंचमी पर गेर निकालने की वर्षों पुरानी परंपरा है। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते गत दो वर्षों से गेर नहीं निकाली जा सकी है। लेकिन गत दिनों मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा की गई घोषणा इस बार होली भी मनाओ और गेर भी निकालो। के बाद इंदौर में भी शान से रंगारंग गेर रंगपंचमी पर निकाला जा सकेगी। इसके लिए प्रशासन ने भी तैयारी कर लिया है। हालांकि इस बार गेर के परंपरागत रूट पर कुछ जगह निर्माण कार्य चलने के कारण इसमें बदलाव किया गया है। गौरतलब है कि रंगपंचमी पर गेर निकालने को हरी झड़ी मिलने लेकिन परंपरागत रूट पर निर्माण कार्यों के चलते गेर के लिए वैक्ल्पिक रास्ता निकालने के लिए 2 मार्च को कलेक्टर मनीष सिंह, नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल और विधायक मालिनी गौड़ ने गेर मार्ग की समीक्षा करने के लिए क्षेत्र में पैदल दौरा भी किया था।
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