इंदौर। स्वास्थ विभाग द्वारा स्वास्वास्थ कर्मचारियों को हटाए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। इंदौर स्वास्थ्य विभाग में लगभग 96 अस्थायी चिकत्सक और पैरामेडिकल स्टाफ कार्यरत था, जिसमें से गत महीने लगभग 50 कर्मचारियों को हटाया दिया गया है। और अब 46 कार्यरत है। इनमें आयुष चिकित्सक और शेष अन्य पैरामेडिकल स्टाफ है। ये लोग कोविड सैंपलिंग और फीवर क्लीनिक में कार्यरत हैं। इधर स्वास्थ विभाग द्वारा जारी निर्देश पर कर्मचारी संगठन द्वारा नाराजगी जाहिर की गई है। संगठन के प्रतिनिधियों का कहना है कि सरकार एक तरफ तो युवाओं से रोजगार का वादा करती है। और दूसरी ओर सरकार ने दो साल से ज्यादा समय से कोरोना काल में काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों व आयुष चिकित्सकों को नौकरी से हटाने का निर्णय लिया है जो सही नहीं है। आयुष चिकित्सकों के इंदौर शाखा के प्रतिनिधि डॉ. शिवप्रताप सिंह यादव के अनुसार सरकार के इस आदेश से प्रदेश में लगभग 2000 आयुष चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। क्योंकि वे लोग दो साल से अपना काम-धंधा छोड़कर समाज की सेवा में जुटे थे।
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