इंदौर। कोरोना संक्रमण की मार से बच्चों को बचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 16 मार्च से देश में वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया है। लेकिन वैक्सीनेशन अभियान अबतक रफ्तार नहीं पकड़ सका है। हर संभव प्रयास करने के बावजूद वैक्सीनेशन कराने वालों की संख्या में कमी आ रही है। अभियान की रफ्तार सुस्त होने का एक उदाहरण यह भी है कि 31 मार्च को 12 से 14 आयुवर्ग के सिर्फ 4472 बच्चों को ही वैक्सीन लगाई जा सकी जो अब तक का सबसे कम आंकड़ा है। वहीं 15 से 17 आयुवर्ग में वैक्सीन लगाने के बाद 23 मार्च से प्रदेश में 12 से 14 आयुवर्ग तक के बच्चों को वैक्सीनेशन शुरू हुआ है। इंदौर जिले में इस आयुवर्ग के एक लाख 15 हजार बच्चों को चिह्नित किया गया है। और उम्मीद जताई गई थी कि एक अप्रैल तक उक्त आयुवर्ग के सभी बच्चों को वैक्सीन का पहला डोज लग जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। क्योंकि अभियान के पहले दिन 40 हजार बच्चों का लक्ष्य था जिनमें से 15060 को ही वैक्सीन लगी थी। और फिर स्थिति कमजोर होती चली गई। इसमें 24 मार्च को 12242, 26 को 10051, 28 को 5509 और 30 मार्च को 6302 बच्चों को ही टीका लगा।
ज्यादातर स्कूलों में छुट्टियां होने से प्रभावित हो रहा है टीकाकरण
इधर, अधिकारियों के अनुसार ज्यादातर स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां होने से बच्चों का टीकाकरण प्रभावित हो रहा है। और अबतक आधे बच्चों को भी वैक्सीन नहीं लग पाई है। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. तरुण गुप्ता के अनुसार ज्यादातर स्कूलों में छुट्टियां होने से अभी 12 से 14 आयुरवर्ग का वैक्सीनेशन प्रभावित हो रहा है।
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