इंदौर। एडवांस्ड आयुष वेलनेस केंद्र ग्रेटर ब्रजेश्वरी पिपलियाहाना इंदौर के संचालक डॉ. एके द्विवेदी के अनुसार विश्व स्वास्थ्य की परिकल्पना बिना आयुष चिकित्सा पद्धति के संभव ही नहीं है जिसे कोरोना के समय सभी ने महसूस भी किया है।
डॉ. द्विवेदी ने बताया कि अब वह समय आ गया है कि लोग बीमार होने के बाद जांच कराने या इलाज कराने के बजाय बीमार ही न हों, उसके लिए प्रयास करें। इसके लिए आवश्यक है हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाए। केवल बीमारियों से बचे रहने का मतलब यह नहीं है कि आप स्वस्थ हैं, यह संभव हो सकता है कि आप स्वयं को स्वस्थ समझते हों क्योंकि आपका शारीरिक रचनातंत्र ठीक ढंग से कार्य करता है, फिर भी आप विकृति की अवस्था में हो सकते हैं अगर आप असंतुष्ट हों, या शीघ्र क्रोधित हो जाते हों, चिड़चिड़ापन या बेचैनी महसूस करते हों, गहरी नींद न ले पाते हों, सुबह पेट साफ नहीं होता हो इत्यादि। भारत में मनोरोगियों की तादाद 5.7 करोड़ के लगभग है जो कि कोरोना के बाद और अधिक बढ़ती जा रही है। काफी लोगों को अवसाद डिप्रेसन की समस्या होने लगी है। भारत दुनिया भर के डायबिटीज के रोगियों का कैपिटल बनता जा रहा है। इसी तरह भारत में हर वर्ष लगभग 3.5 लाख लोगों की मौत कैंसर से होती है। इन सभी रोगों की वृद्धि दर पर आसानी से काबू पाया जा सकता है यदि आयुष को मुख्यधारा में लाया जाए और लोगों को इसके लिए प्रेरित किया जाए कि ऐसे सभी लोग आयुष को प्रारंभिक चिकित्सा के रूप में अपनाएं न कि अल्टरनेटिव मेडिसिन के रूप में। डॉ. एके द्विवेदी द्वारा विश्व स्वास्थ दिवस 7 अप्रैल से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून तक सभी लोगों को आयुष वेलनेस केंद्र पिपलियाहाना पर 30 प्रतिशत की विशेष छूट प्रदान की जाएगी।
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