नई दिल्ली । कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच विशेषज्ञों की तरफ से एक बड़ी राहत की खबर आई है। आईसीएमआर ( भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) के अतिरिक्त महानिदेशक का कहना है कि कोरोना संक्रमण के मामलों में मौजूदा तेजी को महामारी की चौथी लहर नहीं ठहराया जा सकता है।
आइएएनएस के साथ एक बातचीत में अतिरिक्त महानिदेशक समीरन पांडा ने कहा कि जिला स्तर पर ही संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। जिला स्तर पर मामलों के बढ़ने को ब्लिप कहते हैं जो देश के कुछ भौगोलिक क्षेत्रों तक ही सीमित है। पांडा ने 4 कारण गिनाते हुए कहा कि यह क्यों चौथी लहर नहीं है। इसमें पहला कारण मामलों में वृद्धि स्थानीय स्तर पर देखी जा रही है जो जांच के अनुपात की वजह से है। दूसरा कारण, कुछ क्षेत्रों में ही केस बढ़ रहे हैं, इसलिए यह नहीं कह सकते हैं कि पूरा राज्य महामारी की चपेट में हैं। तीसरा कारण, अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या नहीं बढ़ रही है और चौथा एवं सबसे महत्तवपूर्ण कारण यह है कि कोई नया वैरिएंट नहीं सामने आया जो संकेत देता है कि अभी कोई चौथी लहर नहीं आई है। संक्रमण दर में वृद्धि पर पांडा ने कहा कि कभी कभी कम जांच होने पर भी इसमें वृद्धि हो जाती है।
संक्रमण के नए मामले में आई कुछ कमी
कोरोना संक्रमण के नए मामलों में एक दिन पहले के मुकाबले कुछ कमी आई है। रविवार सुबह 8 बड़े के आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटे में 3,324 नए मामले मिले हैं और 40 मौत हुई है, जिनमें से 36 मौतें तो अकेले केरल से हैं। शनिवार को 3,688 केस मिले थे और 50 मौते दर्ज की गई थी। सक्रिय मामले बड़करक 19,092 हो गए हैं। दैनिक संक्रमण दर 0.71 प्रतिशत और साप्ताहिक संक्रमण दर 0.68 प्रतिशत है। कोरोना रोधी वैक्सीन की अबतक 189.17 करोड़ डोज लगाई जा चुक है।
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