एक नए अध्ययन की माने तो दिल के दौरा यानि हार्टअटैक से मरने वालों में विवाहितों के मुकाबले अविवाहितोयं की संख्या अधिक है। अविवाहित बीमारी के प्रबंधन में कम आत्मविश्वास रखते हैं और विवाहितों की तुलना में सामाजिक गतिविधियों में कम शामिल होते हैं। इसमें उनके जीवित रहने की दर कम हो सकती है। स्पेन की मैड्रिड यूरोपियन सोसाइटी आ कार्डियोलॉजी ने उक्त अध्ययन किया है।
यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल वुर्जबर्ग में कॉम्प्रिहोसिव हार्ट फ्लेयोर सेंटर के डॉ. फैबियन केरवेगन का कहना है कि सामाजिक समर्थन लोगों को दीर्घकालिक हालात का प्रबंधन करने में मदद करता है। दपंती दवाएं लेने में एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं, प्रोत्साहन दे सकते हैं और स्वास्थ व्यवहार विकसित कर सकते हैं। इससे दीर्घायु होने मे मदद मिलती है।
1008 दिल के मरीजों पर किया अध्ययन
सोसाइटी द्वारा इस अध्ययन में हॉस्पिटलों में भर्ती 1008 हृदय रोग के मरीजों को शामिल किया गया था। इनमें से 633 (63 प्रतिशत) विवाहित और 375 (37 प्रतिशत) अविवाहित शामिल थे। स्वास्थ्य प्रश्नावली का उपयोग कर उनकी उदास मनोदशा का आकलन किया गया। इनमें से जिन 679 (67 प्रतिशत) रोगियों की मौत हुई उनमें विवाहितों के मुकाबले विवाहितों के मुकाबले अविवाहितों की संख्या अधिक थी।
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