इंदौर। कई बार होता है कि अस्पताल में इलाज करवाने के दौरान मरीज और उनके परिजन डॉक्टर्स व अस्पताल के स्टाफ से गलत व्यवहार करते हैं। कभी-कभी तो बात हिंसक होकर मारपीट तक पहुंच जाती है। लेकिन आने वाले समय में मरीजों या उनके रिश्तदारों द्वारा दुर्व्यवहार या हिंसक व्यवहार कने पर डॉक्टर इलाज करने से मना कर सकेंगे। चिकित्साकर्मियों के साथ हिंसा रोकने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने पेशेवर आचरण नियमों के ड्राफ्ट में यह प्रस्ताव किया है। नेशनल मेडिकल प्रैक्टिशनर रेगुलेशंस, 2022 के ड्राफ्ट में कहा गया है कि इलाज के दौरान किसी मरीज के मेडिकल रिकॉर्ड के लिए मरीज या अधिकृत तीमारदार द्वारा अनुरोध किए जाने पर 72 घंटे की जगह पांच कार्यदिवस में दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे। कोई आपात स्थिति होती है तो मेडिकल रिकॉर्ड उसी दिन देना होगा। ड्राफ्ट रेगुलेशंस में कहा गया है, इलाज कराने वाला डॉक्टर काम के लिए जवाबदेह होगा।
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