इंदौर। कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी के बावजूद स्वास्थ विभाग लापरवाह बना हुआ है। क्योंकि विभाग द्वारा न सैंपलिंग बढ़ाई जा रही है न टीककरण । शनिवार को इंदौर जिले में पंचायत चुनाव भी था लाखों की संख्या में लोग मतदान करने मतदान केंद्रों पर पहुंचे बावजूद विभाग द्वारा केवल 433 नमूने जिले में लिए गए। वहीं टीकाकरण की भी लगभग ऐसी ही स्थिति है। जिले में एक लाख के लगभग टीके हैं जो 6 अगस्त के बाद इस्तेमाल करने लायक नहीं रहेंगे। जून के 25 दिन में शहर में कोरोना के 453 मरीज मिल चुके हैं। संक्रमण दर भी पांच फीसदी से अधिक रहा है। यानी जांचा जाने वाला हर 20वां सैंपल संक्रमित मिल रहा है। यह स्थित उस सय है जब शहर में औसतन 300 सैंपल भी रोजाना जांचे नहीं जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सैंपलिंग बढ़ाई जाए तो बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज मिल सकते हैं। जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं होने से वे लोग जांच ही नहीं करवा रहे हैं जिनमें कोरोना के मामूली लक्षण है। वहीं पिछले कुछ दिनों से स्वास्थ्य विभाग ने कांटैक्ट ट्रेसिंग ही बंद कर दी है। जबकि एक समय था विभाग कोरोना के हर मरीज की कांटैक्ट ट्रेसिंग कर रहा था। जिससे पता चल जाता था कि व्यक्ति को संक्रमण कहा से आया और कौन-कौन है जो उसके सीधे संपर्क में आए हैं। 13 जून को सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या ने एक आदेश जारी कर जिले में सैंपलिंग बढ़ाने के निर्देश दिए थे लेकिन कुछ नहीं हुआ। अब भी गिनती के सैंपल लिए जा रहे हैं जबकि लक्ष्य रोजोना 2000 सैंपल लेने का तय किया गया था।
रविवार को मिले 26 संक्रमिक, 370 सैंपलों की हुई जांच
इधर, शहर में रविवार को कोरोना के 26 नए संक्रमित मिले हैं। इस दिन 370 सैंपलों की जांच की गई। 18 मरीजों ने बीमारी को मात दी। जिले में कोरोना के 170 मरीजों का इलाज चल रहा है। इंदौर में अब तक 38,12017 सैंपल जांचे जा चुके हैं। इनमें से 20,8509 सैंपल संक्रमित मिले हैं। 20,6876 संक्रमित कोरोना से पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। जबकि कोरोना से अब तक शहर में 1463 की मौत हुई है।
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