नेशनल डॉक्टर्स डे के मौके पर डॉ. ए. के. द्विवेदी ने भविष्य के डॉक्टरों को दिये अनमोल गुरुमंत्र
इंदौर। अगर आप भविष्य में सफल डॉक्टर बनना चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि आपको अपने विषय की पूरी जानकारी हो। आपमें ये समझने की भी काबिलियत हो कि मरीज की बीमारी किस स्टेज में है। वो दवाओं से ठीक हो सकती है या उससे निजात पाने के लिए सर्जिकल ट्रीटमेंट जरूरी है। एक अच्छे डॉक्टर को ये भी पता होना चाहिए कि व्यक्ति विशेष को हुई वो बीमारी रिवर्सिबल या इर्रिवर्सिबल। ये गुरुमंत्र भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य देश के प्रख्यात होम्योपैथिक डॉक्टर ए. के. द्विवेदी ने शुक्रवार को "नेशनल डॉक्टर्स डे" के मौके पर होम्योपैथी चिकित्सा महाविद्यालय में भविष्य के डॉक्टरों को संबोधित करते हुए दिये।
उन्होंने कहा कि भविष्य में सफल डॉक्टर बनने के लिए आपको उक्त चार बिंदुओं पर निश्चित रूप से अमल करना होगा। इसके अलावा आपको ये भी जानना होगा कि वे कौन से फैक्टर हैं जो मरीज के ठीक होने में रुकावट पैदा कर रहे हैं क्योंकि अगर आप उन रुकावटों को दूर कर देंगे तो मरीज के ठीक होने की गति और चांसेस बढ़ जायेंगे। इसके अलावा बीमारी के दौरान मरीज के रहन-सहन और खानपान का भी खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। इससे भी उसके ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है और वो अपेक्षाकृत जल्दी ठीक हो जाता है।
महामारी के दौर में महत्वपूर्ण हुई डॉक्टरों की भूमिका
उल्लेखनीय है कि भारत में प्रतिवर्ष 1 जुलाई को "राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस" मनाया जाता है। वर्तमान में कोरोना महामारी के दौर में डॉक्टरों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है। किसी भी बीमारी से पीड़ित होने पर उनका उपचार ही मरीज को आराम प्रदान करता है। इस मौके पर डॉक्टर ही लोगों को बताता है कि स्वास्थ्य का समग्रता से ध्यान रखकर कैसे पूरी तरह फिट रहा जाये।
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