इंदौर। आने वाले समय में मरीजों को अंधाधुंध दवाएं लिख जाने, उनके रोग की सही पहचान करने में चूक होने, रेफर करने में गड़बड़ी होने जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। इसके लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में सभी स्तरों पर डॉक्टरों के उपयोग के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये दिशा-निर्देश 11 चिकित्सीय विशिष्टताओं से संबद्ध 54 सामान्य बीमारियों के उपचार से संबंधित हैं। यह जानकारी आइसीएमआर की ओर से बुधवार को जारी एक बयान में दी गई। जारी बयान में कहा गया है कि स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट वर्कफ्लो के तीसरे खंड में उन समस्याओं को सुलझाने के बारे में लिखा गया है जो दवाओं के अंधाधुंध इस्तेमाल, रोग का सही तरीके से पता न कर पाने और गलत तरीके से रेफर करने सहित अन्य बातों से संबंधित हैं। बायन के अनुसार नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. विनोद कुमार पाल ने आइसीएमआर के स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट वर्कफ्लो का खंड तीन जारी किया जिसमें 11 चिकित्सकीय विशिष्टताओं से संबद्ध 54 बीमारियों पर दिखा-निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही एक मोबाइल एप भी जारी किया गया। आइसीएमआर के महानिदेशक प्रोफेसर डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि दूर-दराज के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा देने का बोझ मुख्य रूप से प्राथमिक देखभाल करने वाले चिकित्सकों पर है, जो अभूतपूर्व काम कर रहे हैं।
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