इंदौर । इंदौर, भोपाल, जबलपुर, बालाघाट व कटनी में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। इसके लिए निवेशकों को 99 वर्ष की लीज पर जमीन उपलब्ध करवाने के साथ ही इनमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों को क्लीनिकल पढ़ाई की सुविधा स्थानीय जिला एवं अन्य शासकीय अस्पतालों में मुहैया करवाई जाएगी। इस प्रस्ताव पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में हुई विभागीय बैठक में स्वीकृतिक दी गई है। वहीं कॉलेज की निर्माण, संचालन व अधिकारी, कर्मचारियों की नियुक्ति की जिम्मेदारी भी निवेशक की होगी। गौरतलब है कि पूर्व में कई जिलों में शुरू किए गए शासकीय मेडिकल कॉलेजों को भी स्थानीय जिला अस्पतालों से जोड़कर क्लीनिकल पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध करवाई गई थी। उसके बाद आगे चलकर इन कॉलेजों के अपने अस्पताल भी शुरू किए। इसी तर्ज पर अब पीपीपी माडल पर जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी। यह कदम केंद्र सरकार की विस्तार नीति के तहत उठाया जा रहा है। बैठक में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा मोहम्मद सुलेमान भी मौजूद थे। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि कॉलेज में एमबीबीएस विद्यार्थियों की फीस निजी कॉलेजों की तरह ही तय होगी। इसका निर्धारण फीस नियामक कमेटी द्वारा किया जाएगा। सीटों का आवंटन राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग की गाइडलाइन के तहत होगा।
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