भोपाल/इंदौर। मप्र में डीएनए सैंपल की पेंडेंसी कम करने की जारी कवायद के बीच तीन माह बाद भोपाल में डीएनए की एक और लैब काम करना शुरू कर देगी। इसके बाद हर महीने प्रदेश की लैब में डीएनए सैंपल करने की क्षमता 800 से 900 के बीच पहुंच जाएगी। गौरतलब है कि अभी हर महीने प्रदेश के तीन डीएनए सैंपल लैब में 500 सैंपल की जांच हर महीने होती है। वहीं भोपाल में एक ओर लैब के शुरू होने के बाद भोपाल प्रदेश का पहला शहर होगा जहां डीएनए की दो लैब होंगी।
जानकारी के मुताबिक 85 प्रतिशत से अधिक डीएनए सैंपल दुष्कर्म के मामलों में होते हैं। प्रदेश में वर्तमान में सागर, भोपाल और इंदौर में डीएनए की लैब काम कर रहीं हैं। इंदौर लैब ने इसी साल 17 जनवरी को काम करना शुरू किया है। इंदौर लैब में 100 सैंपल हर महीने जांचने की है। वहां हर महीने नई आमद लगभग 70 सैंपल की होती है। वहीं एमपीपीएससी ने एफएसएल के लिए 44 वैज्ञानिकों की भर्ती निकाली थी। जिसमें 13 वैज्ञानिक बायोलॉजी के हैं। पीएसपी में 44 पदों के लिए अभी वैज्ञानिकों के दस्तावेजों का परीक्षण चल रहा है। इन 44 वैज्ञानिकों की अक्टूबर या नवंबर में एफएसएल में नियुक्ति हो जाएगी। इसके बाद वैज्ञानिकों की संख्या बढ़ने से डीएनए सैंपल का जल्द मिलान होगा। इससे पेंडेंसी खत्म होगी।
एक अक्टूबर से ग्वालियर लैब भी काम करना शुरू कर देगी
प्रदेश की तीनों लैब में हर महीने 300 सैंपल जांच के लिए आते हैं। 1 अक्टूबर से ग्वालियर लैब भी काम करना शुरू कर देगी। इस लैब में हर महीने 100 सैंपल की जांच होगी। जबलपुर में डीएनए लैब खोलने की तैयारी है। वर्तमान में 10 हजार के आसपास सैंपल पेंडिंग हैं। भोपाल लैब में 4500 सैंपल पेंडिंग हैं। भोपाल एफएसएल के डायरेक्टर शशिकांत शुक्ला के अनुसार भोपाल में पेंडेंसी को देखते हुए डीएनए की एक अतिरिक्त लैब दिसंबर में शुरू कर रहे हैं। इसके पहले ग्वालियर और जबलपुर में लैब शुरू हो जाएंगी। इन लैब के शुरू होती है हर महीने लगभग 900 सैंपल जांचें जा सकेंगे।
Home |
Set as homepage |
Add to favorites
| Rss / Atom
Powered by Scorpio CMS
Best Viewed on any Device from Smartphones to Desktop.
Post your comment