क्या आप जानते हैं होम्योपैथी चिकित्सा से मधुमेह की बीमारी को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। जी हां होम्योपैथी चिकित्सा से मधुमेह की बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है।...
जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है और मधुमेह से होने वाली गंभीर स्थिति को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।मधुमेह के रोग में उपयोग में आने वाली दवाईयां को छह समूहों में बांटा जा सकता है, जैसे अम्ल (एसिड), धातु, अन्य खनिज (मिनरल), सब्जियां, जानवरों से प्राप्त औषधियां और ओर्गनो थेरपिक उपचार। मधुमेह के उपचार के लिए उपयोग में आने वाले अम्ल (एसिड) है।
एसेटिक एसिड (सिरका अम्ल), लेक्टिक एसिड (दुग्ध अम्ल), फॉस्फोरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड, पिकरिक एसिड, कार्बोलिक एसिड और फ्लोरिक एसिड। एसिड का उपयोग बेहद कमजोरी से या स्थायी कमजोरी से पीड़ित रोगियों में किया जाता है। एसिड अम्लरक्ता (एसिडोसिस) को टाल सकता है, जो कि डायबीटिक मेलिटस का सबसे बड़ा खतरा है।
दवाइयों का उपयोग करने का निर्देश हर रोगी के वैयक्तिक विशेषताएं और लक्षणों के आधार पर बनाए जाते हैं।
इंसुलिन, एक ओग्रेनो थेरेपिक उपचार मधुमेह के गंभीर मामलों में दुबले पतले क्षयरोगियों में और कोमा में किया जाता है। पेनक्रेअटिन, एड्रेनलिन, यूरिया, लेक्टिथिन अन्य ओर्गेनो थैरेपिक उपाचर है। डायबीटिज मेलिटस के लिए बायोकेमिक उपचार नेट्रम्यूर, नेट्रसल्फ, नेट्रफोस केलिम्यूर और कलिसल्फ हैं।
धातुओं का उपयोग हाइपरटेंशन, डाईबीटिक न्यूरोपैथी, आर्टेरिओस्क्लेरोसिस, मानसिक और शारीरिक थकान और बहुत सारे अन्य लक्षणों से पीड़ित रोगियों के लिए किया जाता है। मिनरल सब्जियां और जानवरों से प्राप्त उत्पादों का उपयोग कमजोरी, गैंगरीन और मधुमेह से संबंधित पाचक तंत्र की समस्याएं, नपुसंकता, दृष्टि संबंधी समस्याएं और मधुमेह से संबंधित अन्य परेशानियां जैसे अनेक लक्षणों को ठीक करने के लिए किया जाता है। होम्योपैथी चिकित्सा किसी मरीज के लक्षणों और विशेषताओं पर निर्भर करती है। इसलिए दो मरीज मधुमेह से पीड़ित हो सकते हैं लेकिन उनको दी जाने वाली दवाएं पूर्ण रूप से अलग हो सकती है। कुछ निश्चित होम्योपैथी औषधियां मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति के सामान्य स्वास्थ्य में सुधार कर सकती है। जिन मधुमेह के मरीजों का सामान्य स्वास्थ्य बहुत कमोजर है, उनके मधुमेह के रोग पर अच्छी तरह से नियंत्रण रखना बहुत मुश्किल हो जाता है। साधारण स्वास्थ्य में सुधार होने से शरीर तंदुरस्त होता है, और ब्लड ग्लूकोज को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक दवाओं की खुराक और मात्रा घट जाती है।
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