आज के समय में स्वास्थ्य ठीक रखना बेहद जरूरी है क्योंकि स्वास्थ ठीक रहेगा तो आप दिनभर के सभी काम कर पाएंगे। लेकिन आज के व्यस्त जीवन व भागती लाइफस्टाइल मनुष्य के स्वास्थ को खराब कर रही है। क्योंकि दिनभर आफिस में एक जगह बैठे रहना पड़ता है, उस पर से हाई कॉलेस्ट्रॉल, डायबिटीज जैसी प्रॉब्लम बहुत बढ़ती जा रही है। ऐसे में हाथ-पैर सुन्न होना, मसल्स में दर्द, नसों का ब्लॉक होना आम बात है। ऐसे में हम इन दर्द से छुटकारा पाने के लिए दवाएं लेते हैं लेकिन ये दवाइयां कुछ पल के लिए दर्द में आराम डाल देती है। और वो भी सिर्फ एक टाइम तक ही होता है उसके बाद फिर से वही दिक्कतें होने लगती है।वैसे तो लाइफस्टाइल में सुधार करके ब्लड सर्क्युलेशन का लेवन ठीक किया जा सकता है। लेकिन इसे साथ ही योगा भी बेहद जरूरी है। आइए हम आपको बता रहे हैं कुछ चुनिंदा योगासन के बारे में जो ना ही सिर्फ नसों के ब्लॉक होने की प्रॉब्लम को ठीक कर देंगे बल्कि आपके ब्लड सर्क्युलेशन को भी फिर से तेज कर देगा।
पहले नंबर पर त्रिकोणासन
त्रिकोण आसन एक स्टैंडिग पोज है। ये मसल्स की टोनिंग और पैर के सर्कुलेशन के लिए बहुत अच्छा है। ब्लॉक नसों को खोलने के लिए आसन बहुत अच्छा होता है। इस आसन को करने से चेस्ट को खोलने और लंग्स की ग्रोथ में बेहद मदद मिलती है। अगर आपका ब्लड सकुर्लेशन खराब है। तो रोजाना इसे करने से बॉडी के बल्ड सकुर्लेशन में इंप्रूवमेंट होनी शुरू हो जाएगी। इस पोज को करने से सारटोरियस, ग्लूट्स रेडियस, आब्लिक और ट्राइसेप्स जैसी मसल्स की स्ट्रेचिंग में बहुत हेल्प मिलती है।
दूसरे नंबर पर अधोमुख श्वानासन योग
ये आसन ब्लड सर्कुलेशन के लिए बहुत अच्छा है। इस आसन को करने से ग्रैविटी आपके सिर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने में मदद करती है। इससे आपके पैर मजबूत होते हैं और उनमें सकुर्लेशन अच्छा हो जाता है। साथ ही इससे हाथ और बैक की मसल्स भी मजबूत हो जाती है। इस योगा पोज को करने से हैमस्ट्रिंग, लैटिसिमस डोर्सी, डेल्टॉइड, ग्लूट्स, और क्वाड्रिसेप्स जैसी मसल्स स्ट्रान्ग होती हैं और इन्हें स्ट्रेच मिलता है। इससे बॉडी में ब्लड का फ्लो सही रहता है साथ ही नसें भी सही ढंग से काम करती है।
तीसरे नंबर पर विपरीत करणी योगासन
ये आसन उल्टे रहने के प्रोसेस को हाइलाइट करता है। इस आसन को करने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है। इसके साथ ही ज्यादातर बीमारियां ठीक हो जाती हैं। इसे करने से हैमस्ट्रिंग और गर्दन की स्ट्रेचिंग अच्छे से हो जाती है। इस आसन को करना बहुत ही आसान है। इस आसन की एक खास बात यही है कि इसे किसी भी उम्र में किया जा सकता है। बंद या ब्लॉक नसों को खोलने के लिए इस आसन को रोजाना किया जा सकता है।
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