इंदौर। एडवांस आयुष वेलनेस सेंटर और एडवांस योग एवं नेचुरोपैथी हॉस्पिटल द्वारा राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय निःशुल्क मिट्टी चिकित्सा (मड बाथ) शिविर का लोगों से अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। शनिवार को शिविर के दूसरे दिन भी बड़ी संख्या में लोगों ने पहुंचकर मड बाथ का लाभ लिया।
ग्रेटर ब्रजेश्वरी, स्कीम-140 के सामने पिपल्याहाना स्थित सेंटर पर शनिवार को शिविर के प्रारंभ में कार्यक्रम हुआ। इसमें मुख्य अतिथि पुंजालाल निनामा, सलाहाकर जननायक टंट्या भील शोधपीठ म.प्र. शासन और सोनम निनामा, सदस्य म.प्र. बाल संरक्षण अधिकार आयोग थे। अध्यक्षता वैज्ञानिक सलाहाकर बोर्ड, केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद, आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सदस्य एवं सेंटर के संचालक व सुप्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एके द्विवेदी ने की। शुरुआत में अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन किया। इसके बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुंजालाल निनामा ने कहा कि यदि हम प्रकृतिक से जुड़े रहेंगे तो शारीरिक व दिमागी रूप से स्वस्थ्य रहेंगे। रोग भी दूर रहेंगे। मैं तो कहता हूं कि मिट्टी, पानी, धूप और हवा सब रोगों की एक ही दवा है। आज के समय में लोग स्वस्थ आहार नहीं ले पाते हैं। लेकिन उन्हें अपने भोजन में अंकुरित अनाज, सलाद, जूस लेना चाहिए और तेल, होटल आदि के खाने से बचना चाहिए। क्योंकि हम प्रकृति से मिली चीजों का सेवन करेंगे तो ताउम्र स्वस्थ रहेंगे। साथ ही मौसमी फल, सब्जी आदि को भी अपने खानपान में प्रर्याप्त रूप से शामिल करना चाहिए। वहीं इस मौके पर पुंजालाल निनामा ने सेंटर पर प्राकृतिक उपचार भी लिया। जिसके बाद उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि इंदौर शहर में इस तरह की प्राकृतिक चिकित्सा मिलना अद्भुत है। एंडवांस्ड होम्यो-हेल्थ सेंटर द्वारा संचालित नेचुरोपैथी सेंटर काफी अच्छा है। यहां पर उपचार लेने के बाद ऐसा लग रहा है मानो मेरी उम्र एक वर्ष ओर बढ़ गई हो। जितना बेहतर दवाओं के सेवन करने से नहीं लगता उतना बेहतर यहां दो घंटे का प्राकृतिक उपचार लेकर महसूस हो रहा है। आज भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल में हमारे पास समय नहीं है। लेकिन हमें ध्यान रखना होगा कि शरीर स्वस्थ है तो सबकुछ है। यहां प्राकृतिक उपचार लेने के बाद व्यक्ति की सोच भी सकारात्मक होती है।
काली, लाल व मुलतानी मिट्टी, चंदन, गुलाब, पंचगव्य मिलाकर तैयार किया है पेस्ट- डॉ. एके द्विवेदी
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद, आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सदस्य एवं सेंटर के संचालक डॉ. एके द्विवेदी ने तीन दिवसीय मिट्टी चिकित्सा शिविर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डॉ. द्विवेदी ने बताया कि मड बाथ शिविर के लिए विशेष तौर पर पेस्ट तैयार किया गया है। पेस्ट के लिए लाल, काली और मुलतानी मिट्टी का संतुलित मिश्रण तैयार किया गया। इसमें दूध, दही, इत्र, चंदन, गाय का गोबर, गो-मूत्र, कपूर, शहद और नीम इत्यादि मिला गया है। इसके बाद उचित मात्रा में उक्त पेस्ट को मड बाथ के दौरान शिविर में आने वाले लोगों के शरीर पर लेपन कर विभिन्न प्रकार के रोगों का उपचार किया जा रहा है। डॉ. द्विवेदी ने बताया कि मड बाथ से थकान, अनिंद्रा, ब्लड प्रेशर, पेट संबंधित समस्याएं, त्वचा की समस्याएं, सिर दर्द, एंजाइटी आदि परेशानी में राहत मिलती है। शिविर में मड बाथ लेने के बाद लोगों भी बेहतर महसूस कर रहे हैं। मड थेरेपी के अलावा इस शिविर में शिरोधारा, बॉडी मसाज, हैंड-फुट बाथ, कटि स्नान और स्टीम बाथ आदि के जरिये भी मरीजों एवं अन्य लोगों को निःशुल्क इलाज दिया जा रहा है। शिविर के दूसरे दिन भी करीब 30 लोगों ने मड बाथ का लाभ लिया। कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों का स्वागत राकेश यादव, दीपक उपाध्याय, डॉ. विवेक शर्मा, डॉ. जितेंद्र पूरी, विनय पांडे आदि ने किया। संचालन डॉ. विवेक शर्मा ने किया। आभार डॉ. जितेंद्र पूरी ने माना।
मड बाथ शिविर का समापन आज
डॉ. एके द्विवेदी ने बताया कि तीन दिवसीय मड बाथ शिविर का समापन 20 नवंबर, रविवार को होगा। इस अवसर पर शाम चार बजे समापन समारोह आयोजित किया जाएगा। समारोह की अध्यक्षता मध्यप्रदेश हिंदी साहित समिति के निदेशक डॉ. विकास दवे करेंगे। मुख्य अतिथि जानेमाने समाजसेवक भरत मोदी एवं कुसुम मोदी होंगे। वहीं शिविर के अंतिम दिन सुबह शिविर के लिए पंजीयन कराने वाले वाले शेष रहे लोगों को मड बाथ थैरेपी दी जाएगी।
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