इंदौर (लखनऊ) । हीमोग्लोबिन और प्लेटलेट्स कम होने के कारण रक्तस्राव बन्द होना आसान नहीं होता और खून की कमी हो जाती है खून की कमी से अन्य कई समस्याएँ बढ़ जाती हैं। तब, कई मामलों में होम्योपैथी से बीमारी में, लक्षणों में फायदा मिलता है. ये कहना है पत्रकारों से बात करते हुए केन्द्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद, आयुष मंत्रालय भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य एवं इंदौर मध्य प्रदेश के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. ए.के. द्विवेदी का जो, एक दिन के लखनऊ प्रवास पर आये थे।
डॉ. द्विवेदी आज अप्लास्टिक एनीमिया की होम्योपैथिक चिकित्सा पर लखनऊ में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय होम्योपैथिक सेमिनार में अपना व्याख्यान देने आये थे। बिहार के एक अप्लास्टिक एनीमिया की होम्योपैथिक चिकित्सा से ठीक हुआ मरीज मसीहा आजम ने अपनी बीमारी और होम्योपैथिक इलाज से मिले फायदे के बारे में लोगों को अवगत कराया।
डॉ. ए.के. द्विवेदी ने बताया कि उनके पास 23 साल पहले अप्लास्टिक एनीमिया का पहला मरीज आया जिसके मुुँह के तालू (अपर पैलेट) से ब्लीडिंग (रक्तस्राव) हो रहा था जिसको चिकित्सकों ने बताया था कि हीमोग्लोबिन और प्लेटलेट्स कम होने के कारण रक्तस्राव बन्द होना बहुत मुश्किल है और समय लग सकता है। उस मरीज को शाम को होम्योपैथिक दवा दी, अगले दिन सुबह मरीज के तालू से निकलने वाला खून बंद हो गया। कुछ दिन और दवाई लेने के बाद से आज तक उन्हें इस तरह की कोई परेशानी नहीं हुई।
डॉ. द्विवेदी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि पिछले 23 वर्षों के कठिन परिश्रम, अध्ययन और लगन का लाभ जब मुम्बई दिल्ली, पुणे, लखनऊ, जैसे बड़े शहरों के ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण देश से असाध्य बीमारियाँ लेकर मरीज आते हैं और होम्योपैथिक दवा से ठीक होकर स्वास्थ्य लाभ उठा रहे होते हैं, तब सन्तुष्टि का अनुभव होता है।
20 वर्षों से अप्लास्टिक एनीमिया के सैकड़ों मरीजोें को होम्योपैथिक दवा से मिल चुकी है राहत
बच्चे, महिलाएँ या अधिक उम्र वाले मरीजों को कैंसर के इलाज में कीमोथेरेपी रेडियोथेरेपी के बाद जब प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं और सभी प्रकार के प्रयास के बावजूद भी ठीक नहीं होते हैं तब डाॅ. द्विवेदी के पास इन्दौर पहुँचते हैं और उनके होम्योपैथिक इलाज से स्वस्थ हो जाते हैं। अप्लास्टिक एनीमिया की होम्योपैथिक चिकित्सा पर जिस तरह से डॉ द्विवेदी प्रयास कर रहें हैं पूरे देश में इस तरह का प्रयास अन्य चिकित्सक नहीं कर रहे हैं।
डॉ. द्विवेदी को मिला सम्मान
अन्तर्राष्ट्रीय होम्योपैथिक सेमिनार में लंदन से पधारे डॉ. शशि मोहन शर्मा ने हैनिमैन कॉलेज ऑफ होम्योपैथी, यूनाइटेड किंगडम की ओर से डॉ. ए.के. द्विवेदी को अप्लास्टिक एनीमिया के मरीजों को होम्योपैथिक चिकित्सा द्वारा राहत देने के लिए सम्मानित किया।
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