थॉयराइड एक छोटी ग्रंथि है, जिसका आकार तितली की तरह होता है जो गले के निचले हिस्से में होता है। थायराइड ग्रंथि का काम होता है हार्मोन्स को स्त्रावित करना। मुख्य हार्मोन्स थॉयराइड के द्वारा बनता है। ट्राईआयोडोथायरोनिन को टी3 व थाईरॉक्सीन को टी4 के नाम से जाना जाता है। यह थॉयराइड हार्मोन्स शरीर की कोशिकाओं को ताकत देते हैं। थॉयराइड से कई तरह की अन्य समस्याएं भी होने लगती है। महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान थॉयराइड होने पर बच्चे व मां को कई समस्याओं का सामना करना होता है। हाल ही में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के एक शोध में पता चला है कि तनाव आपके शरीर में थायरक्सिन हार्मोन के स्त्राव को नियंत्रित करता है। अगर आप लगातार तनाव में रहते हैं तो हार्मोन के स्त्राव पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। शोध के अनुसार जब तनाव का स्तर बढ़ता है तो इसका सबसे ज्यादा असर हमारी थॉयराइड ग्रंथि पर पड़ता है। यह ग्रंथि से हार्मोन के स्त्राव को बढ़ा देता है।
पुरुषों में थॉयराइड
होम्योपैथिक चिकित्सक एवं भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की वैज्ञानिक सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. ए.के. द्विवेदी कहते हैं कि तनाव का सबसे ज्यादा असर पुरुषों में होने वाले थॉयराइड के 50 प्रतिशत मामले तनाव के कारण होते हैं। तनाव के कारण पुरूषों में प्राइमरी हाइपो थॉयरोडिज्म नामक परेशानी ज्यादा होती है। इसमें ग्रंथि काम करना बंद कर देती है। इससे शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है और इससे निजात पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। तनाव से थॉयराइड के मामले में लगातार बढोत्तरी हो रही है। पुरूषों में होने वाली आम परेशानी है थायरोटिस। यह सिर्फ तनाव के कारण होता है। थॉयराइड से परेशान 10 में से 5 पुरूषों को थायरोटिस की परेशानी ही होती है।
उपचार
थायरोटिस का कोई इलाज नहीं है। लेकिन कुछ ऐहतियात बरत कर इस परेशानी से लंबे वक्त तक बचा जा सकता है। इसके लिए आपको अपने पूरे जीवन में रोजाना सुबह खाली पेट हार्मोन की गोलियां लेनी पड़ती है। यदि आप एक सप्ताह के लिए भी गोलियां खानी बंद कर दें तो आपके शरीर का संतुलन खराब हो जाता है।
तनाव कम लें और व्यायाम करें
टेंशन कम लें और ज्यादा से ज्यादा पौषक वाली चीजों को अपने खाने में शामिल करें। इसके अलावा हल्के व्यायाम के जरिए थायराइड से बचने में मदद मिल सकती है।
योगासन, आसन व प्राणायम से भी है फायदेमंद
थायराइड होने के बाद भी कुछ योगासन ऐसे हैं जो इसके स्त्राव के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसके अलावा थॉयराइड के लिए कई आसन और प्राणायम है। यदि आप रोज सुबह महज 15 मिनट के लिए भी उन्हें करें तो इस परेशानी से बच सकते हैं।
थायरॉइड की समस्या को ठीक कर सकती है होम्योपैथिक दवाएं
डॉ. एके द्विवेदी कहते हैं थायरॉइड जैसी बीमारी के लिए क्या जीवनभर दवाएं खाना कहां तक उचित है जब होम्योपैथिक दवा से थायरॉइड की समस्या में राहत पाई जा सकती है या ठीक हो सकता है। हालांकि थायरॉइड एक जटिल रोग होता है इसलिए खुद से इलाज न करते हुए एक कुशल होम्योपैथिक डॉक्टर की देखरेख में उपचार करना चाहिए ताकि होम्योपैथिक दवाएं आपको राहत दे। कुछ होम्योपैथिक दवाएं है जिन्हें थायरॉइड के उपचार के लिए दिया जा सकता है इसमें है फाईटोलक्का बेरी, केल्केरिया कार्ब, नेट्रम म्यूर, थायरॉइडीनम, आयोडम शामिल है। लेकिन इन होम्योपैथिक दवाओं का सेवन खुद से ना करें। क्योंकि होम्योपैथी में रोग के कारण को दूर करके रोगी को ठीक किया जाता है। प्रत्येक मरीज की दवा उसकी शारीरिक व मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। इसलिए बगैर चिकित्सकीय परामर्श यहां बताई गई दवा का उपयोग न करें।
नोटः- इस लेख में बताई गईं दवाओं के प्रयोग से पहले आप अच्छे होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें। ताकि आपको आपनी बीमारी अथवा परेशानी का सही इलाज मिले और आपको राहत मिल सकें।
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